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पहलगाम आतंकी हमले के बाद: कश्मीर में सख़्त कार्रवाई, भारत-पाक संबंधों में नई दरार

TLB Desk

India 29 Apr, 2025 05:55 pm

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। हमले में 25 हिंदू पर्यटकों और एक स्थानीय गाइड की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने तेज़ी से सुरक्षा, कूटनीतिक और आंतरिक कार्रवाई की श्रृंखला शुरू की है, जो अब एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित विवाद में तब्दील हो गई है।

हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा कार्रवाई
हमले के तुरंत बाद कश्मीर घाटी को उच्चतम सुरक्षा अलर्ट पर रखा गया। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। अब तक 1,700 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें दर्जनों लोग विदेशी फंडिंग और आतंकी संपर्क के संदेह में हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को जांच सौंपी गई है। जांच में सामने आया कि दो आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे और उन्होंने हमले को अंजाम देने से पहले भारत में 15 दिन तक गुप्त रूप से प्रशिक्षण लिया था। घाटी में संदिग्ध आतंकी ठिकानों पर छापेमारी तेज़ कर दी गई है और कई मकानों को ध्वस्त किया गया है जो आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह थे।

भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया: पाकिस्तान पर सीधी चोट
भारत ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया है। इसके तहत कई निर्णायक कदम उठाए गए हैं:

  • सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है, जिससे पाकिस्तान को मिलने वाले पानी की आपूर्ति पर असर पड़ेगा।
  • पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं।
  • भारत सरकार ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया है जो भारत-विरोधी कंटेंट फैलाने के लिए बदनाम थे।
  • साथ ही, विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की योजना को सक्रिय कर दिया है।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और हवाई क्षेत्र पर विवाद

पाकिस्तान सरकार ने हमले में किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है और निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है। जवाब में पाकिस्तान ने भारत के विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया, जिससे यूरोप और अमेरिका की उड़ानों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने पड़े हैं। इससे यात्रा समय में 3 से 4 घंटे की बढ़ोतरी हुई है।

सीमा पर तनाव और गोलीबारी
हमले के बाद से नियंत्रण रेखा (LoC) पर हालात लगातार तनावपूर्ण हैं। पिछले एक सप्ताह में चार रातों से सीमा पर भारी गोलीबारी हुई है। कई जवान घायल हुए हैं और सीमावर्ती गांवों में डर और असुरक्षा का माहौल है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल ऑपरेशन की संभावना से भी इनकार नहीं किया है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, यूरोपीय संघ और कई देशों ने इस हमले की निंदा की है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। वहीं, रूस और फ्रांस ने भारत के साथ खड़े होने का संकेत देते हुए आतंकवाद के विरुद्ध सख़्त नीति अपनाने को समर्थन दिया है।

पहलगाम हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों के एक नए मोड़ की शुरुआत बन गया है। भारत आंतरिक रूप से सख़्ती दिखा रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरने की कोशिश कर रहा है। आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम का असर न केवल कश्मीर की शांति, बल्कि दक्षिण एशिया की भू-राजनीतिक स्थिरता पर भी पड़ेगा।

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