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पाकिस्तान के PM ने कबूला- "हम नमाज़ के बाद हमला करने ही वाले थे लेकिन भारत ने उससे पहले ब्रह्मोस दाग दी"

TLB Desk

नई दिल्ली 02 Jun, 2025 01:45 pm

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने एक बार फिर सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारतीय बैलिस्टिक मिसाइलों ने 9 और 10 मई की मध्य रात्रि को पाकिस्तान के अंदर कई ठिकानों को निशाना बनाया और पाकिस्तानी सेना इस हमले के लिए तैयार नहीं थी। शहबाज़ शरीफ़ के अनुसार वे भारत पर सुबह 4:30 बजे फज्र की नमाज़ के तुरंत बाद हमला करने की योजना बना रहे थे, लेकिन उससे पहले ही भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों के ज़रिए रावलपिंडी के एयरपोर्ट समेत पाकिस्तान के कई प्रांतों पर हमला कर दिया।

शरीफ़ ने अज़रबैजान में एक भाषण के दौरान कहा, "9-10 मई की रात को हमने भारतीय आक्रामकता का जवाब सोच-समझकर देने का फैसला किया था। हमारी सशस्त्र सेनाएं सुबह 4:30 बजे फज्र की नमाज़ के बाद कार्रवाई के लिए तैयार थीं ताकि सबक सिखाया जा सके. लेकिन उससे पहले ही भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर दिया और पाकिस्तान के कई प्रांतों को निशाना बनाया, जिनमें रावलपिंडी का एयरपोर्ट भी शामिल था।"  यह भारतीय हमले "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत किए गए जो कि पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ढांचों के खिलाफ एक लक्षित सैन्य कार्रवाई थी, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की मृत्यु हुई) के जवाब में की गई थी।

यह पहली बार नहीं है जब शहबाज़ शरीफ़ ने यह स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ।

इस महीने की शुरुआत में उन्होंने पुष्टि की थी कि भारत की बैलिस्टिक मिसाइलों ने 10 मई की सुबह नूर ख़ान एयरबेस और पाकिस्तान के अन्य क्षेत्रों पर हमला किया। इस्लामाबाद में एक समारोह के दौरान उन्होंने बताया कि रात 2:30 बजे उन्हें पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर का एक कॉल आया, जिन्होंने उन्हें भारत द्वारा मिसाइल हमले की सूचना दी।

उन्होंने कहा, "9-10 मई की मध्य रात्रि करीब 2:30 बजे जनरल असीम मुनीर ने मुझे सुरक्षित फोन के माध्यम से कॉल किया और बताया कि भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल दाग दी हैं। एक नूर ख़ान एयरबेस पर गिरी है और कुछ अन्य स्थानों पर भी।"

सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारतीय हमले में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े लगभग 100 आतंकियों को मार गिराया गया। भारतीय सशस्त्र बलों ने 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। पाकिस्तान के अंदर चार ठिकानों पर (बहावलपुर, मुरिदके, सर्जल और महमूना जोया) और PoK में पांच स्थानों पर (सवाई नाला, सैयदना बिलाल, गुलपुर, बरनाला और अब्बास) हमले किए गए।

इसके बाद पाकिस्तान ने स्थिति को और बढ़ा दिया और भारत के नागरिक क्षेत्रों पर ड्रोन से हमला किया। इसके जवाब में, भारत ने पाकिस्तान के अंदर गहराई में स्थित सैन्य ठिकानों जैसे कि रडार इंस्टॉलेशन, कमांड और कंट्रोल सेंटर, और गोला-बारूद डिपो (रफ़ीक़ी, चकला, रहीम यार ख़ान, सुक्कुर और सियालकोट आदि) को निशाना बनाया।

10 मई को भारत और पाकिस्तान ने तुरंत प्रभाव से भूमि, वायु और समुद्र पर सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति जताई। हालांकि, पाकिस्तान ने इस समझौते को कुछ ही घंटों में तोड़ दिया। कुछ दिनों बाद भारतीय सेना ने पुष्टि की कि दोनों देश बिना किसी समाप्ति तिथि के संघर्षविराम जारी रखेंगे।

इस सप्ताह की शुरुआत में शरीफ़ ने कहा कि उनका देश कश्मीर, जल-बंटवारा और व्यापार जैसे "पुराने मुद्दों" के समाधान के लिए भारत से बातचीत को तैयार है. लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि अगर पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद बंद नहीं करता तो कोई भी बातचीत संभव नहीं है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हम दोहराना चाहते हैं कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।"

उन्होंने आगे कहा, "जहां तक पाकिस्तान के साथ हमारे संवाद का सवाल है हमारा रुख स्पष्ट है. किसी भी तरह की बातचीत द्विपक्षीय ही होगी. उन्हें भारत को उन आतंकवादियों को सौंपना होगा, जिनकी सूची हमने उन्हें कुछ साल पहले दी थी. जम्मू-कश्मीर पर कोई भी बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान PoK को खाली करके भारत को सौंप देगा. और जहां तक सिंधु जल संधि की बात है वह तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह और स्थायी रूप से नहीं छोड़ देता."
 

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